
दुर्ग, छत्तीसगढ़। रोशनी का महापर्व दीपावली 2025 पूरे देश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के दुर्ग शहर में भी हर्षोल्लास और पारंपरिक श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। धनतेरस से शुरू हुआ यह उत्सव छोटी दीपावली, मुख्य दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज तक अपनी छटा बिखेरेगा। शहर के हर कोने में उत्साह और उमंग का माहौल है, जो दीपों की रोशनी और पटाखों की गूँज से और भी जीवंत हो उठा है।
बाजारों में रौनक, खरीदारी का उत्साह चरम पर
दीपावली से पहले ही दुर्ग के बाजारों में ज़बरदस्त रौनक देखने को मिल रही है। सदर बाजार, गंजपारा, पोलसायपारा, और मालवीय नगर जैसे प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों में पैर रखने की जगह नहीं है। लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं।
- मिट्टी के दीयों और पारंपरिक सजावट: कुम्हारों के चाक से बने मिट्टी के दीयों की मांग सबसे अधिक है। इनके अलावा रंग-बिरंगी मोमबत्तियां, आकाश कंदील, और झालरें घरों को सजाने के लिए खरीदी जा रही हैं।
- मिठाई और पकवान: त्योहार का स्वाद बढ़ाने के लिए मिठाई की दुकानों पर लंबी कतारें लगी हैं। पारंपरिक मिठाइयों के साथ-साथ नए ज़माने के व्यंजन भी खूब पसंद किए जा रहे हैं।
- उपहार और परिधान: कपड़ों की दुकानों और उपहार गैलरियों में भी भीड़ उमड़ रही है। लोग अपने प्रियजनों के लिए नए कपड़े और उपहार खरीद रहे हैं।
- पटाखों का क्रेज: बच्चों और युवाओं में पटाखों का क्रेज देखते ही बन रहा है। शहर के निर्धारित स्थानों पर पटाखों की दुकानें सज गई हैं, जहाँ से लोग विभिन्न प्रकार के पटाखे और फुलझड़ियाँ खरीद रहे हैं।
घरों में सजे दीपक, शुभ मुहूर्त में पूजन
दीपावली की शाम दुर्ग के हर घर में दीपक जलाए जाएंगे। रंगोली से आँगन सजे हैं और घरों को फूलों व तोरण से आकर्षक रूप दिया गया है। लक्ष्मी पूजन के लिए घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में विशेष तैयारी की गई है। पंडितों ने शुभ मुहूर्त के अनुसार पूजन का समय बताया है, जिसके अनुसार लोग धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी जी का आह्वान करेंगे।
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
त्योहारी सीजन को देखते हुए दुर्ग जिला प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी है। बाजारों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। पटाखों के सुरक्षित उपयोग के लिए भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं और लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गई है।
समग्र रूप से, दुर्ग शहर दीपावली के रंग में डूबा हुआ है, जहाँ हर चेहरा मुस्कान और हर दिल में खुशी है। यह पर्व सिर्फ रौशनी का नहीं, बल्कि मेल-मिलाप, भाईचारे और नए साल की शुभ शुरुआत का भी प्रतीक है।

