
रायपुर:दीपावली के दो दिन बाद मनाए जाने वाले भाई-बहन के पवित्र पर्व ‘भाई दूज’ पर बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
ज्योतिषीय कारण:
इस पर्व को ‘यम द्वितीया’ के नाम से भी जाना जाता है। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार:
- यमराज का वरदान: पौराणिक कथा है कि मृत्यु के देवता यमराज ने अपनी बहन यमुना के आग्रह पर उन्हें वरदान दिया था कि जो भी भाई इस दिन बहन के हाथों तिलक करवाएगा, उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा।
- रक्षा और शुभता: तिलक को शुभता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। बहन द्वारा लगाया गया तिलक भाई को नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा प्रदान करता है और उसकी आयु तथा बल में वृद्धि करता है।
- उन्नति के लिए दिशा: ज्योतिष के अनुसार, तिलक करवाते समय भाई का मुख उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर होना शुभ माना जाता है, जिससे जीवन में तरक्की और समृद्धि के योग बनते हैं।

