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दिवाली के धुएं से बचें: घर की हवा को शुद्ध रखने के लिए अपनाएं ये 7 जादुई तरीके।

रायपुर। छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश में दिवाली के जश्न के बाद हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाना एक आम समस्या है। पटाखों के धुएं और अन्य कारणों से हवा की गुणवत्ता (Air Quality) खराब हो जाती है, जो खासकर बच्चों, बुजुर्गों और सांस की बीमारी वाले लोगों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।

​छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल (Chhattisgarh Environment Conservation Board) की रिपोर्ट भी दर्शाती है कि दिवाली के बाद रायपुर जैसे शहरों में PM2.5 और PM10 जैसे प्रदूषक कणों का स्तर बढ़ जाता है। हालांकि, पिछले कुछ सालों में लोगों में जागरूकता बढ़ने और ‘ग्रीन पटाखे’ के उपयोग की अपील से कुछ कमी देखी गई है, लेकिन सावधानी अब भी जरूरी है।

प्रदूषण के खतरों से बचने के लिए ये घरेलू उपाय अपनाएं:

  1. खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें: घर के अंदर प्रदूषित हवा के प्रवेश को रोकने के लिए जितना हो सके खिड़की-दरवाजे बंद रखें।
  2. एयर प्यूरीफायर (Air Purifier) का उपयोग: यदि संभव हो तो, घर की हवा को साफ रखने के लिए एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
  3. मास्क पहनें: जब भी घर से बाहर निकलें, खासकर सुबह और शाम के समय, तो अच्छी गुणवत्ता वाला (जैसे N95) मास्क जरूर पहनें।
  4. पानी का सेवन बढ़ाएं: शरीर को हाइड्रेटेड (Hydrated) रखें। ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं ताकि शरीर से विषैले तत्व बाहर निकल सकें।
  5. आयुर्वेदिक ड्रिंक्स लें:
    • हल्दी वाला दूध: यह इम्यूनिटी (Immunity) बढ़ाता है और सांस की नली की सूजन को कम करने में मदद करता है।
    • ग्रीन टी या अदरक-नींबू की चाय: एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर ये ड्रिंक्स फेफड़ों को साफ रखने में सहायक होते हैं।
  6. गीले कपड़े का इस्तेमाल: खिड़की-दरवाजों के पास गीले कपड़े या चादरें लटकाएं। ये हवा में मौजूद धूल और प्रदूषक कणों को सोखने में मदद करते हैं।
  7. इंडोर प्लांट्स (Indoor Plants) लगाएं: तुलसी, एलोवेरा, स्नेक प्लांट (Snake Plant), मनी प्लांट (Money Plant) जैसे पौधे घर की हवा को प्राकृतिक रूप से शुद्ध करने में मदद करते हैं।
  8. धूम्रपान से बचें: घर के अंदर या बाहर धूम्रपान बिल्कुल न करें, यह प्रदूषण के स्तर को और बढ़ा देता है।
  9. प्राणायाम और योग: अनुलोम-विलोम जैसे प्राणायाम फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं और प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों से लड़ने में मदद करते हैं।

छत्तीसगढ़वासियों के लिए अपील:

पर्यावरण संरक्षण मंडल और स्वास्थ्य विभाग लगातार लोगों से अपील कर रहा है कि वे ‘ग्रीन दिवाली’ की अवधारणा को अपनाएं और कम प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों का ही इस्तेमाल करें। सामूहिक रूप से और सीमित समय के लिए ही आतिशबाजी करें।

​याद रखें, स्वस्थ रहना सबसे बड़ा धन है। इन छोटे-छोटे उपायों को अपनाकर आप खुद को और अपने परिवार को दिवाली के बाद बढ़ने वाले प्रदूषण के गंभीर प्रभावों से बचा सकते हैं।

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