बस्तर/तेलंगाना: दंडकारण्य क्षेत्र में माओवादी संगठन की कमजोर पड़ती स्थिति के बीच, तेलंगाना के नल्लामल्ला के घने जंगलों में माओवादियों की एक गुप्त हाई लेवल बैठक होने की सूचना मिली है। सूत्रों के अनुसार, इस महत्वपूर्ण बैठक में दंडकारण्य के कुख्यात माओवादी नेता देवजी, हिड़मा और देवा शामिल हुए थे।
बैठक का एजेंडा: नेतृत्व संकट और पुनर्गठन
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस गुप्त बैठक का मुख्य उद्देश्य दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमिटी (DCSC) का पुनर्गठन करना था। यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि बस्तर में पिछले कुछ महीनों के दौरान कई बड़े माओवादी लीडरों के मारे जाने और सैकड़ों कैडरों के आत्मसमर्पण करने के बाद संगठन की स्थिति कमजोर हो गई है।
सूत्रों का मानना है कि इस समय माओवादी संगठन नेतृत्व संकट और गंभीर आंतरिक मतभेद से जूझ रहा है। पुराने और स्थापित कमांडरों की मौत के बाद नए चेहरों की स्वीकार्यता को लेकर संगठन के भीतर असहमति की खबरें हैं।
बदल सकती है माओवादियों की रणनीति?
बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई के कारण माओवादियों की पकड़ ढीली हुई है। ऐसे में, तेलंगाना के जंगलों में देवजी, हिड़मा और देवा जैसे शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में हुई यह गुप्त बैठक आने वाले समय में माओवादियों की रणनीति के लिए काफी अहम मानी जा रही है।
कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या माओवादी अब अपनी कार्यशैली और परिचालन क्षेत्रों की रणनीति में कोई बड़ा बदलाव करने वाले हैं, या वे दक्षिण भारत के राज्यों से लगी सीमावर्ती क्षेत्रों में अपनी गतिविधियों को और मजबूत करने पर विचार कर रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियां इस बैठक से जुड़ी हर जानकारी पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं।

