बेमेतरा/बेरला: छत्तीसगढ़ में पंचायत चुनाव हुए लगभग आठ महीने बीत जाने के बावजूद राज्य की किसी भी ग्राम पंचायत को अब तक 15वें वित्त आयोग की राशि आवंटित नहीं की गई है। इस गंभीर वित्तीय अवरोध के कारण ग्रामीण विकास के कार्य पूरी तरह से ठप पड़ गए हैं। ग्रामीण जनता को पेयजल, स्वच्छता, सड़क, नाली, और स्ट्रीट लाइट जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे सरपंचों के प्रति ग्रामीणों में नाराज़गी बढ़ रही है।
🛑 विकास कार्य रुके, सरपंचों में नाराज़गी
ग्राम पंचायत आनंदगाँव के युवा सरपंच चंदन नायक ने इस स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि वित्तीय सहायता न मिलने से विकास योजनाएँ पूरी तरह से ठप हैं और बार-बार अधिकारियों से आग्रह करने पर केवल आश्वासन ही मिल रहा है। सरपंचों को ग्रामीणों की अपेक्षाओं पर खरा न उतर पाने के कारण नाराज़गी झेलनी पड़ रही है।

सरपंच नायक ने पिछली पंचायतों पर खजाना खाली करने का आरोप लगाते हुए कहा कि नई निर्वाचित पंचायतें आर्थिक संकट से जूझ रही हैं। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा, “ग्राम पंचायतें ही ग्रामीण विकास की पहली सीढ़ी है। अगर इन्हें ही वित्तीय रूप से कमजोर कर दिया जाए, तो गाँव का विकास रुक जाता है।”
📩 युवा सरपंच ने सीधे प्रधानमंत्री से की शिकायत
इस समस्या को लेकर सरपंच चंदन नायक ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO इंडिया) से गुहार लगाई है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर टैग करते हुए ट्वीट किया:
छत्तीसगढ़ में पंचायत चुनाव हुए आठ महीने हो गए है, दीपावली बीत गई, लेकिन अब तक ग्राम पंचायतों को 15वें वित्त की राशि नहीं मिली है। पिछले जनप्रतिनिधियों ने ख़ज़ाना खाली कर दिया है। जिससे वर्तमान सरपंचों को पंचायत संबंधित विकास कार्यों और मूलभूत सुविधाओं के लिए रोज़ाना दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जनता के बीच हमें भी नाराज़गी झेलनी पड़ रही है। अतः निवेदन है कि छत्तीसगढ़ की पंचायतों को तुरंत 15वें वित्त की राशि जारी की जाए।”
🚨 “ग्रामीण विकास की आत्मा” है यह राशि
सरपंच नायक ने 15वें वित्त आयोग की राशि को “ग्रामीण विकास की आत्मा” बताते हुए कहा कि यह केंद्र सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों को दी जाने वाली एक महत्वपूर्ण राशि है, जिससे लगभग सभी विकास कार्य संचालित होते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह राशि और अधिक समय तक रोकी गई, तो गाँवों में स्वच्छता, पेयजल, सड़क और सामुदायिक योजनाएँ गंभीर रूप से प्रभावित होंगी।
उन्होंने मीडिया के माध्यम से सरकार और संबंधित विभागों से तत्काल संज्ञान लेने और शीघ्र वित्तीय सहायता प्रदान करने की अपील की है, ताकि गाँवों का विकास कार्य फिर से गति पकड़ सके।
