राजधानी रायपुर से सटे अभनपुर क्षेत्र के गोबरा नवापारा से लगे पारागांव में एक दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया है, जहां 11 केवी हाईटेंशन बिजली के तार की चपेट में आने से 8 साल की एक मासूम बच्ची की दर्दनाक मौत हो गई। इस दर्दनाक घटना ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया है और बिजली विभाग की घोर लापरवाही को उजागर किया है।
घर की छत पर खेलते समय हुआ हादसा
जानकारी के अनुसार, हादसा उस समय हुआ जब मासूम बच्ची अपने घर की छत पर खेल रही थी। घर की छत के ठीक ऊपर से गुजर रहे हाईटेंशन तार की चपेट में वह अचानक आ गई। तेज बिजली के करंट के साथ जोरदार स्पार्किंग हुई, और बच्ची छत से सीधे नीचे गिर गई, जिसके कारण मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
शव लेकर बिजली दफ्तर पहुंचे परिजन, जमकर विरोध
इस हृदय विदारक घटना के बाद परिजनों और ग्रामीणों में भारी आक्रोश फैल गया। न्याय की गुहार लगाते हुए बच्ची के पिता मृत मासूम के शव को गोद में लेकर सीधे विद्युत विभाग कार्यालय (अभनपुर) के सामने जा बैठे और अपना गुस्सा ज़ाहिर किया।
गुस्साए ग्रामीणों ने विद्युत कार्यालय का घेराव कर जमकर नारेबाजी की और इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
लापरवाही के गंभीर आरोप
ग्रामीणों ने बिजली विभाग पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाते हुए बताया कि वार्डवासी कई बार इस खतरनाक हाईटेंशन तार को आबादी क्षेत्र से हटाने के लिए लिखित आवेदन दे चुके थे। यहां तक कि सुशासन तिहार के दौरान भी इसकी लिखित शिकायत की गई थी, लेकिन विद्युत विभाग ने अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की। ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग की इसी असंवेदनशीलता और अनदेखी का खामियाजा एक मासूम को अपनी जान गंवाकर भुगतना पड़ा।
विभाग का बेतुका तर्क: ‘बजट नहीं’
जब इस गंभीर मामले में विद्युत विभाग के अधिकारियों से बात की गई, तो उन्होंने चौंकाने वाला तर्क दिया। अधिकारियों ने हाईटेंशन तार को शिफ्ट करने के लिए ‘बजट नहीं होने’ की बात कही। उनका कहना है कि बजट के लिए उच्च कार्यालय में आवेदन दिया गया है और स्वीकृति मिलने के बाद ही तार को वार्ड के बाहर शिफ्ट किया जाएगा।
विभाग के इस गैर-जिम्मेदाराना रवैये पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर एक मासूम की जान से ज्यादा महत्वपूर्ण क्या है? ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही हाईटेंशन तार को गांव से नहीं हटाया गया तो वे उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।
बहरहाल, अब देखना यह होगा कि इतनी बड़ी घटना से क्या विद्युत विभाग सबक लेता है, या फिर किसी और हादसे का इंतज़ार किया जाएगा।
