मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी। जिले के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी क्षेत्र में अवैध शराब का कारोबार बेरोकटोक चल रहा है, जिसके चलते आदिवासी बहुल ग्रामीण क्षेत्र बदहाली की कगार पर पहुँच गए हैं और युवा पीढ़ी नशे के चंगुल में फँस रही है। इस अवैध कारोबार से जिले में नशाखोरी, दुर्घटनाएँ और मौतों का ग्राफ़ तेज़ी से बढ़ रहा है।धड़ल्ले से चल रहे इस अवैध कारोबार के बीच, सहायक जिला आबकारी अधिकारी आर एस भांडेकर की संदिग्ध कार्यप्रणाली को लेकर बेहद चौंकाने वाला भंडाफोड़ हुआ है। उन पर नगर, गाँव और गली-मोहल्ले में अवैध शराब बेचने के एवज में मोटा रकम वसूलने का आरोप लगा है।
💰 सहायक आबकारी अधिकारी पर वसूली के आरोप
शिकायत में सामने आया है कि संबंधित आबकारी अधिकारी के लिए वसूली का काम विभाग के आरक्षक (कांस्टेबल) तथा सरकारी शराब दुकान के सुपरवाइजर महीनों से करते आ रहे हैं।महिला ने दर्ज कराई लिखित शिकायतइस बीच, अंबागढ़ चौकी नगर की एक महिला ने थाने में लिखित रिपोर्ट दर्ज कराई है। महिला का आरोप है कि सहायक जिला आबकारी अधिकारी आर एस भांडेकर अपने सहयोगियों के साथ उसके घर में जबरन दाखिल हुए और अवैध शराब बेचने के एवज में ₹50,000 प्रति माह की मांग करते हुए महिला और उसके परिवार के साथ बदसलूकी की।आरोपों के मुताबिक, भांडेकर अवैध शराब बेचने और होटलों में शराब पीने-पिलवाने के एवज में मासिक फिक्स रकम लेते हैं। वे अपने अधीनस्थ कर्मचारियों और सरकारी शराब दुकान के सुपरवाइजरों को वसूली के लिए घरों और दुकानों पर भेजते हैं और अनाप-शनाप पैसों की मांग करते हैं।महिला ने पुलिस को कॉल डिटेल्स, मोबाइल रिकॉर्डिंग, वीडियो और फोटो जैसे साक्ष्य भी सौंपे हैं।
🔍 मामले की जांच जारी
अंबागढ़ चौकी थाना प्रभारी अश्वनी राठौर ने इस मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि, “एक महिला ने आबकारी अधिकारी के खिलाफ अवैध वसूली तथा बदसलूकी की लिखित शिकायत की है। उक्त मामले में गहन जांच की जा रही है।
“🛡️ भाजपा ने भी उठाया मुद्दा
गौरतलब है कि दीपावली से पहले भी आबकारी अधिकारी भांडेकर पर शराब तस्करी को संरक्षण देने और पैसे लेकर अवैध शराब कारोबार को मनमाने ढंग से अनुमति देने के साथ-साथ लाखों रुपए की अवैध वसूली करने का आरोप लग चुका है। मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी भाजपा जिला अध्यक्ष दिलीप वर्मा ने भी इस मामले को कार्रवाई के लिए भाजपा के शीर्ष नेताओं तक पहुँचाया है।जिले में अवैध शराब की बेतहाशा बिक्री के कारण आदिवासी बाहुल्य ग्रामीण परिवार तबाह हो रहे हैं, और नशाखोरी को लगातार हो रहे एक्सीडेंट और मौतों के बढ़ते ग्राफ का मुख्य कारण माना जा रहा है।

