जगदलपुर, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में आदिवासी छात्रावासों की घोर लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। विकासखंड बकावंड के ग्राम पंचायत बारदा स्थित आदिवासी बालक छात्रावास में खाना बनाते समय एक छात्र बुरी तरह झुलस गया। बताया जा रहा है कि छात्र सुमन भद्रे अपने साथियों के लिए भोजन तैयार कर रहा था, तभी खौलता तेल उसके ऊपर गिर गया, जिससे उसका चेहरा और शरीर का हिस्सा गंभीर रूप से जल गया।> गंभीर आरोप: घटना के बाद अफसरों ने मामले को दबाने की कोशिश की, जबकि गंभीर रूप से घायल छात्र को आनन-फानन में मेडिकल कॉलेज जगदलपुर में भर्ती कराया गया है।
⚠️ अधीक्षक और रसोइया की गैर-हाजिरी बनी कारण
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इस हृदय विदारक घटना का मुख्य कारण छात्रावास प्रबंधन की अनदेखी है। आरोप है कि:छात्रावास अधीक्षक और रसोइया अक्सर अनुपस्थित रहते हैं और अपने निजी कार्यों में व्यस्त रहते हैं।इसके चलते छात्रों को खुद ही भोजन बनाना पड़ता है।इसी लापरवाही के कारण छात्र सुमन भद्रे को भोजन बनाने की जिम्मेदारी दी गई, जो अब उसके जीवन और भविष्य दोनों के लिए खतरा बन गई है।
🚨 लगातार हो रही हैं गंभीर घटनाएं
यह बस्तर संभाग के आवासीय विद्यालयों में बच्चों की जान खतरे में पड़ने की कोई पहली घटना नहीं है। इन लगातार सामने आ रही घटनाओं ने प्रशासनिक व्यवस्था की पोल खोल दी है:
❓ सवाल: बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी?
बारदा की यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर देती है कि क्या आदिवासी छात्रावासों में बच्चों की सुरक्षा और सुविधा अब किसी की जिम्मेदारी नहीं रही? कब तक छात्रावासों में रह रहे मासूमों के जीवन से इस तरह का खिलवाड़ जारी रहेगा? प्रशासनिक अधिकारी इन लगातार हो रही गंभीर चूकों पर कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं?

