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छत्तीसगढ़ में अब हर जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनेगा ऑनलाइन, पुराने सर्टिफिकेट भी होंगे डिजिटल

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य में अब जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल हो गई है। भारत सरकार के महारजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा 2023 में संशोधित ऑनलाइन जन्म-मृत्यु पंजीकरण पोर्टल लॉन्च किए जाने के बाद, राज्य सरकार ने यह अनिवार्य कर दिया है कि अब सभी प्रमाण पत्र केवल ऑनलाइन प्रणाली से ही जारी किए जाएंगे।

मुख्य अपडेट और नए नियम:

1. अक्टूबर 2023 के बाद जन्मे बच्चों के लिए नया नियम:

जन्म-मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 में संशोधन के बाद, अक्टूबर 2023 के बाद जन्म लेने वाले बच्चों के लिए अब केवल जन्म प्रमाण पत्र को ही जन्म तिथि प्रमाणित करने वाला वैध दस्तावेज माना जाएगा। आधार कार्ड, स्कूल रिकॉर्ड या शपथ पत्र जैसे अन्य दस्तावेज अब इस उद्देश्य के लिए स्वीकार्य नहीं होंगे।

2. पुराने मामलों के लिए छूट:

अक्टूबर 2023 से पहले जन्मे बच्चों के मामलों में, जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में पूर्व की तरह अन्य वैकल्पिक दस्तावेज भी मान्य रहेंगे।

3. पुराने प्रमाण पत्रों का डिजिटलीकरण:

जिन नागरिकों को पहले मैन्युअल पद्धति से प्रमाण पत्र जारी किए गए थे, उन्हें अब नया प्रावधान दिया गया है। ऐसे पुराने प्रमाण पत्रों को ऑनलाइन पोर्टल पर डिजिटल स्वरूप में सुरक्षित किया जा सकेगा, जिससे भविष्य में उनकी सत्यता जांचना और उपयोग करना आसान होगा।

4. क्यूआर कोड पर राज्य सरकार सख्त:

यह संज्ञान में आने पर कि कुछ जिलों में आधार कार्ड केवल क्यूआर कोड (QR Code) वाले जन्म प्रमाण पत्रों के आधार पर ही बनाए जा रहे हैं, राज्य सरकार ने तत्काल UIDAI को पत्र भेजा है। सरकार ने अनुरोध किया है कि सभी आधार नामांकन केंद्रों को स्पष्ट निर्देश दिए जाएं ताकि बिना क्यूआर कोड वाले वैध प्रमाण पत्रों को भी स्वीकार किया जाए और उन्हें अस्वीकार न किया जाए।

पूरी प्रक्रिया हुई ऑनलाइन:

राज्य के अधिकारियों ने बताया कि अप्रैल 2023 से सभी जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र केवल ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही बनाए जा रहे हैं। प्रारंभिक तकनीकी चुनौतियों को अब पूरी तरह से दूर कर दिया गया है और पोर्टल सुचारु रूप से संचालित है। साथ ही, सभी रजिस्ट्रार को नए पोर्टल के उपयोग का आवश्यक प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जिससे कार्य में तेजी, पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित हो सके।

​यह कदम डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिससे सरकारी अभिलेखों की सटीकता और विश्वसनीयता बढ़ेगी।

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