दुर्ग/भिलाई: भिलाई शहर के नेहरू नगर स्थित इमेज डायग्नोसिस एंड पैथोलॉजी सेंटर में गर्भवती महिला से अल्ट्रासाउंड जांच के दौरान डॉक्टर द्वारा अश्लील हरकत किए जाने के गंभीर मामले में सुपेला पुलिस की ढीली कार्रवाई पर अब सवाल उठने लगे हैं। घटना को 10 दिन बीत जाने के बावजूद भी आरोपी डॉक्टर गिरीश वर्मा अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है, जिससे पीड़िता को न्याय के लिए इंतजार करना पड़ रहा है।
क्या है पूरा मामला?
टाउनशिप क्षेत्र की रहने वाली पीड़िता 16 अक्टूबर को नियमित जांच के लिए सेंटर पहुंची थी। उसने पुलिस को बताया कि अल्ट्रासाउंड जांच के दौरान डॉक्टर ने उसके साथ छेड़छाड़ की। आरोप है कि उस वक्त कमरे में कोई नर्स मौजूद नहीं थी। डॉक्टर की इस हरकत से डरी हुई महिला ने घर पहुंचकर अपने पति को पूरी बात बताई, जिसके बाद दोनों ने मिलकर सुपेला थाने में आरोपी डॉक्टर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
मामला दर्ज, फिर भी गिरफ्तारी नहीं
शिकायत के आधार पर पुलिस ने डॉक्टर के खिलाफ धारा 74, 75(1)(2), 79 बीएनएस एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर लिया है। बावजूद इसके, 10 दिन बाद भी पुलिस आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
पुलिस पर प्रभावशाली डॉक्टर को बचाने का आरोप
पुलिस की इस निष्क्रियता पर स्थानीय लोगों और जागरूक नागरिकों ने गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि सामान्य मामलों में पुलिस त्वरित गिरफ्तारी करती है, लेकिन इस संवेदनशील मामले में 10 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। लोगों ने आशंका जताई है कि क्या पुलिस किसी ‘प्रभावशाली डॉक्टर’ को बचाने की कोशिश कर रही है?
इस संबंध में भिलाई नगर सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी ने सिर्फ इतना ही कहा है कि, “मामला दर्ज किया गया है, आरोपी की तलाश जारी है।”
पीड़िता और उसके परिवार को अब तक न्याय नहीं मिल पाया है, जिसने सुपेला पुलिस की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है। अब देखना यह है कि पुलिस इस मामले में कब तक आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार कर पाती है।
