मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दौरान छत्तीसगढ़ के 11 शैलानियों की जान बचाने वाले नजाकत अली को मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में आयोजित राज्योत्सव के समापन समारोह में सम्मानित किया गया। उनकी बहादुरी और साहसी पहल के लिए यह सम्मान उन्हें और उनके परिवार को मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और विधायक रेणुका सिंह द्वारा प्रदान किया गया।
जान जोखिम में डालकर बचाई 11 लोगों की जान
नजाकत अली जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के रहने वाले हैं और पर्यटन से संबंधित काम करते हैं। वे पिछले पंद्रह सालों से हर ठंड के मौसम में छत्तीसगढ़ के चिरमिरी आकर कश्मीरी गर्म कपड़ों का व्यापार करते हैं।

उन्होंने मीडिया को बताया कि यह आतंकी हमला 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम की बेसरनबेली में हुआ था। आतंकियों ने अचानक शैलानियों पर हमला कर दिया, जिसमें उनके भाई सहित कई भारतीयों की मौत हो गई थी। नजाकत अली ने अपनी जान की परवाह न करते हुए, चिरमिरी से कश्मीर गए चार परिवारों के 11 शैलानियों को सुरक्षित निकालने में सफलता हासिल की थी।
बचाए गए शैलानी चिरमिरी के निवासी
जिन शैलानियों की जान नजाकत अली ने बचाई, उनमें चिरमिरी के लक्की परासर, अरविंद अग्रवाल, शिवांस जैन, और हैप्पी वधावन शामिल थे, जो अपनी पत्नियों और तीन बच्चों के साथ कश्मीर घूमने गए थे। नजाकत अली वर्तमान में चिरमिरी में ही मौजूद हैं।
यह सम्मान नजाकत अली के अदम्य साहस और मानवता की मिसाल पेश करने वाले कार्य को दर्शाता है।
